आध्यात्मिक ज्ञान मे आज आप देखे एक विजय और सविता के जीवन की सच्चाई इस लेख को पूरा पढने के लिए नीचेदीगई लिक पर क्लिक करें-डा०-दिनेश कुमार शर्मा एडीटर एम.बी.न्यूज-24💐💐💐💐

आध्यात्मिक ज्ञान मे आज आप पढे एक मार्मिक कहानी इसे आप पढ़िएगा जरूर✍️
****************८**************८८८****
विजय और सविता की शादी को अब 50 साल पूरे हो गए थे। दोनों की उम्र भी 75 से ऊपर हो चुकी थी। दोनों ने अपनी पूरी जिंदगी एक दूसरे के साथ काफी हंसी-खुशी से बिताई थी।

दोनों बिल्कुल दो जिस्म एक जान बनकर जिए थे। सुख और दुःख के साथ-साथ उन्होंने अपने-अपने पर्सनल रहस्य भी एक दूसरे के साथ साझा किए थे। हां, सविता ने केवल एक रहस्य विजय को कभी नहीं बताया!

सविता ने अपने अलमारी के सबसे ऊपर के खाने में एक जूतों का बॉक्स रखा था, जिसे किसी को भी, यहां तक कि खुद उनके पति को भी छूने की मनाही थी। सख्त चेतावनी थी कि समय आने पर ही वह उस बॉक्स का राज बताएंगी। विजय को भी इस बात से कोई परहेज नहीं था।

हंसते-खेलते कई दशक बीत गए। उम्र ढल गई, शरीर कमजोर हो गए और कई बीमारियां हावी हो गईं।

सविता बीमारियों से लड़ते-लड़ते हार मानने लगीं। जब उन्होंने अपना आखिरी समय करीब देखा, तो उन्होंने विजय को अपने पास बुलाया और अपने जीवन का वह एक मात्र रहस्य, जो उनके अलमारी में बंद था, उससे परिचित करवाया। सविता ने अपने पति से उस बॉक्स को लाने के लिए कहा।

विजय वह बॉक्स लेकर आए और उसे खोलते ही हैरान रह गए। उसमें दो खरोची हुई छोटी डॉल्स और ढेर सारे नोट (पैसे) रखे थे। विजय ने सविता से उन डॉल्स के बारे में पूछा।

सविता ने कहा, “जब मेरी शादी होने वाली थी, तब मेरी दादी ने मुझे समझाया था कि अगर अपनी शादी को लंबे समय तक चलाना चाहती हो, तो जितनी हो सके arguments और शिकायते कम करो। उन्होंने इसके लिए मुझे यह डॉल्स का तरीका बताया, जिसमें जब भी मुझे तुमसे कोई शिकायत हो, तब एक डॉल को खरोच कर उसे संभाल कर रख लेना।”

सविता की बात सुनकर विजय की आंखें भीग गईं, क्योंकि पिछले 50 सालों में सविता को उनसे सिर्फ दो बार शिकायत हुई थी, यह विचार ही उनके लिए काफी सुखद था।

बाद में उन्होंने उन ढेर सारे 100 रुपये के नोटों के बारे में पूछा, जो गिनने पर एक लाख से भी ज्यादा थे!

सविता ने कहा, “ये नोट मैंने तब-तब इस बॉक्स में डाले, जब-जब मैंने तुम्हारे साथ कोई खुशी या संतोष के पल बिताए।”

विजय अपनी पत्नी को गले से लगाकर रो पड़े और बोले, “मेरे किसी जन्म के पुण्य ही होंगे, जिससे मुझे तुम पत्नी के रूप में मिली।”

दोस्तों, छोटी सी इस पति-पत्नी की प्रेम_कहानी में जो पत्नी ने तरीका अपनाया था, अगर हर पति-पत्नी अपने जीवन में वही तरीका अपना लें, तो हजारों रिश्ते, जो छोटी-छोटी बातों पर बिखर_जाते हैं, वो बिखरने से बच जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *