*कृष्ण आपकी मदद करेंगे*
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एक बार की बात है रात को दस बजे लगभग अचानक एक युवक को एलर्जी हो गयी और घर पर दवाई थी नहीं, घर के सभी सदस्य भी किसी समारोह में गये हुये थे और ड्राईवर भी अपने घर जा चुका था l बाहर हल्की बारिश की बूंदे जुलाई महीने के कारण बरस रही थी। दवा की दुकान ज्यादा दूर नहीं थी ।
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पैदल जा सकता था, लेकिन बारिश की वज़ह से उसने रिक्शा लेना उचित समझा। बगल में राम मन्दिर बन रहा था एक रिक्शा वाला भगवान की प्रार्थना कर रहा था। उस युवक ने उससे पूंछा चलोगे तो उसने सहमति में सर हिलाया और वह रिक्शा में बैठ गया ।
रिक्शा वाला काफी़ बीमार लग रहा था और उसकी आँखों में आँसू भी थे, युवक ने पूंछा क्या हुआ भैया रो क्यूँ रहे हो और तुम्हारी तबियत भी ठीक नहीं लग रही, ??
तब उसने बताया बारिश की वजह से तीन दिन से सवारी नहीं मिली और वह भूखा है बदन दर्द भी कर रहा है, अभी भगवान से प्रार्थना कर रहा था क़ि आज मुझे भोजन दे दो, मेरे रिक्शे के लिए सवारी भेज दो। युवक बिना कुछ बोले रिक्शा रोककर दवा की दुकान पर चला गया,
वहां खड़े खड़े सोच रहा था.. *कहीं मुझे भगवान ने तो इसकी मदद के लिए नहीं भेजा। क्योंकि यदि यही एलर्जी आधे घण्टे पहले होती तो मैं ड्राइवर से दवा मंगाता l रात को बाहर निकलने की मुझे कोई ज़रूरत भी नहीं थी l और पानी न बरसता तो मैं रिक्शे में भी न बैठता। मन ही मन भगवान को याद किया और कहा मुझे बताइये क्या आपने रिक्शे वाले की मदद के लिए भेजा है। मन में जवाब मिला… हाँ…।*
उसने भगवान को धन्यवाद् दिया, अपनी दवाई के साथ क्रोसीन की टेबलेट भी ली, बगल की दुकान से छोले भटूरे ख़रीदे और रिक्शे पर आकर बैठ गया। जिस मन्दिर के पास से रिक्शा लिया था वहीँ पहुंचने पर रिक्शा रोकने को कहा। उसके हाथ में रिक्शे के 30 रुपये दिए, गर्म छोले भटूरे दिए और दवा देकर बोला। खाना खा के ये दवा खा लेना, एक गोली आज और एक कल और मन्दिर में नीचे सो जाना। वो रोते हुए बोला, मैंने तो भगवान से दो रोटी मांगी थी मग़र भगवान ने तो मुझे छोले भटूरे दे दिए। कई महीनों से इसे खाने की इच्छा थी। आज भगवान ने मेरी प्रार्थना सुन ली और जो मन्दिर के पास उसका बन्दा रहता था उसको मेरी मदद के लिए भेज दिया। कई बातें वो बोलता रहा और युवक स्तब्ध हो सुनता रहा। घर आकर सोचा क़ि उस मिठाई वाले की दुकान में बहुत सारी चीज़े थीं, वह कुछ और भी ले सकता था, समोसा या खाने की थाली.. पर उसने छोले भटूरे ही क्यों लिए?
क्या सच में भगवान ने उसे रात को अपने भक्त की मदद के लिए ही भेजा था..?
हम जब किसी की मदद करने सही वक्त पर पहुँचते हैं तो इसका मतलब उस व्यक्ति की भगवान ने प्रार्थना सुन ली और आपको अपना प्रतिनिधि बना, देवदूत बना उसकी मदद के लिए भेज दिया।
*अगर आप चाहते है आप के साथ साथ आप अपनो को भी यह आध्यात्मिक लाभ देना चाहते हैं तो आप उन्हें भी भेज सकते हैं या शेयर कर सकते हैं*
सतयुग में ध्यान
त्रेता में यज्ञ
द्वापर में पूजन
और कलयुग में महामंत्र का जप करने मात्र से ही जीवों का उद्धार हो जाएगा।
*सदा जपे महामंत्र*
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे