*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
*!! सोच बदलो, जिंदगी बदल जायेगी !!*
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एक गाँव में सूखा पड़ने की वजह से गाँव के सभी लोग बहुत परेशान थे, बच्चे भूखे-प्यासे मर रहे थे और उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि इस समस्या का समाधान कैसे निकाला जाय। उसी गाँव में एक विद्वान महात्मा रहते थे। गाँव वालों ने निर्णय लिया उनके पास जाकर इस समस्या का समाधान माँगने के लिये, सब लोग महात्मा के पास गये और उन्हें अपनी सारी परेशानी विस्तार से बतायी, महात्मा ने कहा कि आप सब मुझे एक हफ्ते का समय दीजिये मैं आपको कुछ समाधान ढूँढ कर बताता हूँ।
गाँव वालों ने कहा ठीक है और महात्मा के पास से चले गये। एक हफ्ते बीत गये लेकिन साधू महात्मा कोई भी हल ढूँढ न सके और उन्होंने गाँव वालों से कहा कि अब तो आप सबकी मदद केवल ऊपर बैठा वो भगवान ही कर सकता है। अब सब भगवान की पूजा करने लगे भगवान को खुश करने के लिये, और भगवान ने उन सबकी सुन ली और उन्होंने गाँव में अपना एक दूत भेजा। गाँव में पहुँचकर दूत ने सभी गाँव वालों से कहा कि “आज रात को अगर तुम सब एक-एक लोटा दूध गाँव के पास वाले उस कुएँ में बिना देखे डालोगे तो कल से तुम्हारे गाँव में घनघोर बारिश होगी और तुम्हारी सारी परेशानी दूर हो जायेगी।” इतना कहकर वो दूत वहां से चला गया।
गाँव वाले बहुत खुश हुए और सब लोग उस कुएं में दूध डालने के लिये तैयार हो गये लेकिन उसी गाँव में एक कंजूस इंसान रहता था, उसने सोचा कि सब लोग तो दूध डालेंगे ही… अगर मैं दूध की जगह एक लोटा पानी डाल देता हूँ तो किसको पता चलने वाला है। रात को कुएं में दूध डालने के बाद सारे गाँव वाले सुबह उठकर बारिश के होने का इंतजार करने लगे, लेकिन मौसम वैसा का वैसा ही दिख रहा था और बारिश के होने की थोड़ी भी संभावना नहीं दिख रही थी।
देर तक बारिश का इंतजार करने के बाद सब लोग उस कुएं के पास गये और जब उस कुएं में देखा तो कुआं पानी से भरा हुआ था और उस कुएं में दूध का एक बूंद भी नहीं था। सब लोग एक दूसरे की तरफ देखने लगे और समझ गये कि बारिश अभी तक क्यों नहीं हुई। और वो इसलिये क्योंकि उस कंजूस व्यक्ति की तरह सारे गाँव वालों ने भी यही सोचा था कि सब लोग तो दूध डालेंगे ही, मेरे एक लोटा पानी डाल देने से क्या फर्क पड़ने वाला है। और इसी चक्कर में किसी ने भी कुएं में दूध का एक बूँद भी नहीं डाला और कुएं को पानी से भर दिया।
*शिक्षा:-*
इसी तरह की गलती आज कल हम अपने real life में भी करते रहते हैं, हम सब सोचते हैं कि हमारे एक के कुछ करने से क्या होने वाला है लेकिन हम ये भूल जाते हैं कि “बूंद-बूंद से सागर बनता है।”
अगर आप अपने देश, समाज, घर में कुछ बदलाव लाना चाहते हैं, कुछ बेहतर करना चाहते हैं तो खुद को बदलिये और बेहतर बनाइए, बाकी सब अपने आप हो जायेगा।
*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, वही पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
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