आज कुछ खास खवरे देखने के लिए नीचेदीगई लिक पर क्लिक करें-

*आज की कुछ खास खवरे*
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
>नीतीश ने बढ़ाया हाथ, मोदी रोकते रहे…*
**********†**********************
*तब तक छू लिया पैर*

लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद शुक्रवार को एनडीए की पुरानी संसद में बैठक हुई. इस दौरान बीजेपी के सभी घटक दलों ने बैठक में संसदीय दल के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी के नाम का अनुमोदन किया. इसी कड़ी में जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पीएम मोदी के नाम पर सहमति जताई. वहीं अपना भाषण खत्म करने के बाद जब नीतीश कुमार पीएम मोदी से मिले तो उन्होंने पैर छूने की कोशिश की. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोक लिया. वहीं चिराग पासवान जब अपना भाषण खत्म करने के बाद नरेंद्र मोदी से मिले तो उन्होंने चिराग को गले लगा लिया.नीतीश कुमार ने अपने अनुमोदन भाषण के दौरान कहा, ’10 साल से ये प्रधानमंत्री हैं और ये फिर प्रधानमंत्री होने जा रहे हैं. पूरा भरोसा है कि जो कुछ भी बचना है, ये सब पूरा कर देंगे. हर राज्य का जो है, सब पूरा करेंगे. बिना मतलब का बात बोलकर ये लोग कोई काम किए हैं आजतक? बिहार का सब काम हो ही जाएगा, जो बचा हुआ है, जो आप चाहेंगे वो होगा.’ इसके अलावा शपथग्रहण कार्यक्रम को लेकर नीतीश कुमार ने कहा, ‘आपने रविवार को शपथ ग्रहण का कार्यक्रम रखा है. हम तो चाहते हैं आप आज ही प्रधानमंत्री पद की शपथ ले लें.’
*’पवन को बताया आंधी, EVM पर ली चुटकी…*

*’, पुराने फॉर्म में दिखे मोदी*
**************(********((****
संसद के सेंट्रल हॉल में शुक्रवार को सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का नेता चुना गया. संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में संबोधित किया. उन्होंने न सिर्फ बीते 10 साल में गठबंधन की सफलताओं और उपलब्धियों पर बात की जबकि विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा.नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब चार जून को चुनावी नतीजे आ रहे थे, मैं काम में व्यस्त था. फोन कॉल आना शुरू हो गए थे. मैंने किसी से पूछा कि आंकड़े तो ठीक है लेकिन मुझे ये बताओ कि ईवीएम जिंदा है या मर गया. क्योंकि ये लोग (विपक्ष) तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र और देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास ही उठ जाए और लगातार ये लोग ईवीएम को गाली दे रहे थे.

उन्होंने कहा कि मुझे तो लग रहा था कि इस बार ईवीएम की अर्थी लेकर जुलूस निकालेंगे. लेकिन चार जून शाम आते-आते उनको ताले लगे गए. ईवीएम ने उनको चुप कर दिया. ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है. मुझे उम्मीद है कि मुझे अगले पांच सालों तक ईवीएम का रोना सुनने को नहीं मिलेगा. लेकिन जब हम 2029 के चुनाव में जाएंगे तो शायद वे दोबारा ईवीएम का रोना रोएं. देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा.

मोदी ने कहा कि मैं देख रहा हूं कि INDI वाले पहले तो डूब रहे थे, लेकिन अब तेज गति से गर्त में जाने वाले हैं. साथियों INDI अलायंस वाले देश के सामान्य नागरिकों की जो समझ है, उसका जो सामर्थ्य है, उसको समझते नहीं हैं. इनका चार तारीख के बाद जो व्यवहार रहा है. मैं आशा करता हूं कि उनमें ये संस्कार आएं. ये वे लोग हैं जो खुद की पार्टी के पीएम का अपमान करते थे. उनके फैसले को फाड़ देते थे. विदेशी मेहमान आ जाए तो कुर्सी नहीं होती थी.

इस बीच मोदी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में पवन कल्याण की तारीफ करते हुए कहा कि ये पवन नहीं है, ये आंधी है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार में हम अगले 10 साल में गुड गवर्नेंस, विकास, सामान्य मानवीय जीवन में सरकार की दखल जितनी कम हो, उतना कम करने का प्रयास करेंगे. उसी से लोकतंत्र की मजबूती है. आज के टेक्नोलॉजी के युग में हम बदलाव चाहते हैं. विकास का नया अध्याय लिखेंगे. गुड गवर्नेंस का अध्याय लिखेंगे. जनता जर्नादन के विकास का नया अध्याय लिखेंगे और विकसित भारत के सपने को साकार करके रहेंगे.

उन्होंने कहा कि हम न हारे थे और न हारे हैं. चार तारीख के बाद हमारा जो व्यवहार रहा है, वो दिखाता है कि हम जीत को पचाना जानते हैं. जीत के समय उन्माद पैदा नहीं होता है. हम पराजय का उपहास भी नहीं करते हैं. ये हमारे संस्कार हैं. दस साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े को नहीं छू पाई. अगर 2014, 2019 और 2024 के चुनाव को जोड़कर कहूं तो तीन चुनाव में इन्हें जितनी सीटें मिली हैं, उससे ज्यादा हमें इस चुनाव में मिली है.
*बिहार में बंपर वैकेंसी, स्वास्थ्य विभाग में 45 हजार पदों पर होगी भर्ती*

राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता की समाप्ति के साथ ही नौकरियों की वैकेंसी आने लगी है. आदर्श आचार संहिता समाप्ति के बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सभागार में स्वास्थ्य विभाग एवं राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के पदाधिकारियों के साथ गहन बैठक की गई. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग में मुख्यालय स्तर से लेकर क्षेत्रीय स्तर तक सभी रिक्त पदों पर चार माह के अंदर नियुक्ति करने का निर्देश दिया है. इसके तहत विभिन्न पदों पर 45000 की संख्या में वैकेंसी निकलने का निर्णय लिया गया है.

कुल 15 पदों पर वैकेंसी निकाली गई है जिसमें दो पदों पर संविदा पर बहाली होगी. इसमें सहायक प्राध्यापक के 1339 पद हैं. विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी के 3523, सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी के 396, सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी (संविदा) के 1290, दंत चिकित्सक के 64, सिस्टर ट्यूटर के 362, नर्स के 6298. एएनएम के 15089, फार्मासिस्ट के 3637, एक्स-रे टेक्नीशियन के 803, ओटी असिस्टेंट के 1326, ईसीजी टेक्नीशियन के 3080, ड्रेसर के 1562 और सी एच ओ (संविदा) के 4500 पदों पर 4 महीने की वेतन नियुक्तियां करनी
*मोदी सरकार में शामिल होने के लिए किन्हें मिलेगा नीतीश का आशीर्वाद, कौन-कौन जेडीयू सांसद हैं रेस में*
जेडीयू संसदीय दल की बड़ी बैठक दिल्ली में सुबह 9:30 बजे होगी. इसमें नवनिर्वाचित सभी 12 सांसद मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही पार्टी के कई बड़े नेता भी रहेंगे. इस बीच मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले संभावित मंत्रियों को लेकर कयासबाजियां जारी हैं. इनमें जातियों के आधार पर भी वर्गीकरण किया जा रहा है. अगर जदयू के संभावित नामों की चर्चा करें तो इनमें कई सांसदों की दावेदारी है, लेकिन सबसे अधिक प्रबल संभावना किनकी है यह आगे विस्तार से दिया गया है.

ऐसे तो जदयू कोटे से कई सांसदों के नाम चर्चा में हैं जिनमें सवर्ण कोटे से देवेश चंद्र ठाकुर और लवली आनंद समेत कई के नाम विमर्श में हैं. लेकिन सवर्ण कोटे से सबसे अधिक संभावना राज्यसभा सांसद संजय झा या फिर मुंगेर से सांसद ललन सिंह का है. यहां एक फेंच फंसता दिखाई दे रहा है कि एक ब्राह्मण हैं तो दूसरे भूमिहार. ऐसे में जातिगत गोटी फिट करने में थोड़ी मुश्किल आ सकती है.

जदयू के पिछड़े कोटे में रामनाथ ठाकुर और सुनील कुमार कुशवाहा का नाम काफी चर्चा में है. रामनाथ ठाकुर अति पिछड़ा समाज से आते हैं और पूर्व मुख्यमंत्री और बड़े समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं. लोक सभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें भारत रत्न दिलवाई है. दूसरी ओर वाल्मिकी नगर से सांसद सुनील कुमार कुशवाहा जाति से हैं. इनके नाम की चर्चा जारी है.

एक नाम अनुसूचित जाति के आलोक सुमार सुमन का है जो गोपालगंज से सांसद हैं. वह लगातार तीसरी बार जदयू के टिकट पर चुनाव जीते हैं और ऐसे में अगर नीतीश कुमार की पार्टी अगर मंत्रिपरिषद में शामिल होती है तो आलोक कुमार सुमन की दावेदारी भी बनती दिख रही है. हालांकि, बमुश्किल तीन मंत्री ही बनाए जाने की संभावना है ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि किनका नंबर आता है.
.*दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारियां तेज*

*7 से 8 हजार लोग शपथ ग्रहण में आमंत्रित किए जाएंगे*

वकील, डॉक्टर, कलाकार शपथ ग्रहण में आमंत्रित किए जाएंगे, विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्तियों को भी बुलाया जा रहा है, सभी धर्मों के 50 प्रमुख धार्मिक नेताओं को बुलाया जा रहा, सेंट्रल विस्टा परियोजना के मजदूर भी आमंत्रित किए जा रहे, ट्रांसजेंडर, स्वच्छता कार्यकर्ता और लाभार्थी भी बुलाए जा रहे, निवर्तमान सांसद, पदाधिकारी, जिलों के लोग बुलाए जा रहे, रेट माइनर्स भी शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शामिल, पद्म भूषण, पद्म विभूषण विजेताओं को भी निमंत्रण, जनजातीय वर्ग से आने वाले महिलाओं को भी न्योता।

मैं बहुत जिम्मेदारी से कह रहा हूँ, अगले 10 साल में गुड गवर्नेंस, विकास,नागरिकों के जीवन मे बदलाव होगा, मध्यम वर्ग उच्च मध्यम वर्ग के जीवन मे सरकार की दखल जितनी कम हो सकती है, कम होगी…हम बदलाव चाहते हैं… विकास का नया अध्याय लिखेंगे,जनता जनार्दन की भागीदारी का नया अध्याय लिखेंगे, विकसित भारत के सपने को साकार करेंगे…

सदन में किसी भी दल का कोई जनप्रतिनिधि होगा तो मेरे लिए सब बराबर होंगे..यही कारण है कि 30 साल से एनडीए मजबूती से आगे बढ़ा है,हम जनता का विश्वास जीतते आये हैं…

हमने जो ग्रास रूट पर काम किया उसी से हमको ऑर्गेनिक एलायंस मिला है,जहां कमी होगी वहां मैं आऊंगा, इसी भाव से जीत मिलती है …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *