आप सभी के लिए रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं-डा०-दिनेश कुमार शर्मा एडीटर एम.बी.न्यूज-24💐💐💐💐💐💐

राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं-डा०-दिनेश कुमार शर्मा एडीटर एम.बी.न्यूज-24💐💐💐💐💐💐💐💐


*भिन्न भिन्न अवतार लै प्रभु आवहिं महि माहिं ।।*
*“सूत”हिय केवलु राम बसै दूसर भूलेहु नाहिं ।।*
*मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम नवमी की आप सभी के लिये हार्दिक शुभकामनाएँ व बधाई 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
*श्रीराम__भक्त__हनुमान__की_ अद्भुत_लीला ➖*^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^

एक दिन हनुमानजी जब सीता जी की शरण में आए,तो उस समय हनुमानजी के नैनों में जल भरा हुआ है वे बैठ गए शीश झुकाए, तो हनुमानजी से
सीता जी ने पूछा कि हे मेरे परम लाडले कहो क्या बात है, किस कारण से ये आपको छाई उदासी, इन नैनों में क्यों नीर भरा है………
हनुमान जी बोले मैया आपनें कुछ वरदान दिए हैं, आपने मुझे जो अजर अमर की पदवी दी है, और आपने मुझे बहुत सारे सम्मान दिए हैं, अब मैं उन्हें लौटानें के लिए आया हूँ ।मुझे आपके द्वारा दिया हुआ ये अमर पद नहीं चाहिए, मे दूर रहूं मैं आपके श्री चरणों से, ऐसा मुझे जीवन नहीं चाहिए………..
सीता जी मुस्काकर बोली बेटा ये क्या बोल रहे हो तुम, अमृत को तो देव भी तरसे, तुम काहे को डोल रहे हो……………..

इतने में श्रीराम प्रभु आ गए और बोले, क्या चर्चा चल रही है मां बेटे में………….
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तब सीताजी बोली सुनो नाथ जी, ना जाने क्या हुआ हनुमानको, पदवी अजर-अमर लौटानें आया है ये मुझको………
राम जी बोले क्यों बजरंगी ये क्या लीला नई रचाई, कौन भला छोड़ेगा , अमृत की ये अमर कमाई………
हनुमानजी रोकर बोले, आप साकेत पधार रहे हो, मुझे छोड़कर इस धरती से, आप वैकुंठ सिधार रहे हो, आप बिना क्या मेरा जीवन अमृत का विष पीना होगा, तड़प-तड़प कर विरह अग्नि में जीना भी क्या जीना होगा………..
हनुमान जी बोले प्रभु अब आप ही बताओ, आप के बिना मैं यहां कैसे रहूंगा………….
तब इस पर प्रभु श्रीराम बोले………….
हनुमान सीता का यह वरदान सिर्फ आपके लिए ही नहीं है, बल्कि यह तो संसार भर के कल्याण के लिए है,, तुम यहां रहोगे, और संसार का कल्याण करोगे……….
मांगो हनुमान वरदान मांगो:- इस पर श्री हनुमान बोले……..
जहां जहां पर आपकी कथा हो, आपका नाम हो,, वहां-वहां पर मैं उपस्थित होकर हमेशा आनंद लिया करूं,,
सीताजी बोलीं देदो प्रभु देदो,,
तब भगवान राम नें हंसकर कहा,तुम नहीं जानती सीता ये क्या मांग रहा है,, ये अन्गिनत् शरीर मांग रहा है,, जितनी जगह मेरा पाठ होगा उतनें शरीर मांग रहा है,,
तब सीताजी बोलीं, तो देदो फिर क्या हुआ, आपका लाडला है……..
तब इस पर प्रभु श्रीराम बोले……….. तुम्हरी इच्छा पूर्ण होगी,, वहां विराजोगे बजरंगी, जहां हमारी चर्चा होगी,, कथा जहां पर राम की होगी, वहां ये राम दुलारा होगा,, जहां हमारा चिंतन होगा, वहां पे जिक्र तुम्हारा होगा……….


कलयुग में मुझसे भी ज्यादा पूजा हो हनुमान तुम्हारी, जो कोई तुम्हरी शरण में आए, भक्ति उसको मिले हमारी,, मेरे हर मंदिर की शोभा बनकर आप विराजोगे,, मेरे नाम का सुमिरन करके सुधबुध खोकर नाचोगे………….
नाच उठे ये सुन बजरंगी, चरणन शीश नवाया,, दुख-हर्ता सुख-कर्ता प्रभु का, प्यारा नाम ये गाया………… ⚡
जय सियाराम जयजय सियाराम,, जय सियाराम जयजय सियाराम जय जय सियाराम जय जय सियाराम
।। जय श्रीराम ।।
।।जय हनुमान।।
।। रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।।

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