आज की कुछ खास खवरे देखने के लिये नीचेदीगई लिक पर क्लिक करें-

*सुबह देश व राज्यों से बड़ी खबरें*
**************************
*01- जुलाई – सोमवार*

*1* तीन नए आपराधिक कानून आज से लागू, एफआईआर दर्ज करने से लेकर फैसला सुनाने तक की समयसीमा तय; सुगम होगा न्याय

*2* देश में जीएसटी लागू हुए सात साल बीत चुके हैं। जीएसटी के लगने के बाद से राजस्व कर में तो वृद्धि हुई है लेकिन फर्जी चालान और पंजीकरण अभी भी चुनौती बना हुआ है।

*3* तेल कंपनियों ने कमर्शियल सिलेंडर के दाम में 30 रुपये की कटौती की गई है। यह लगातार तीसरा महीने है जब कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में नरमी आई है

*4* संसद सत्र का छठा दिन,NEET मुद्दे पर हंगामे के आसार, कांग्रेस की मांग- आरक्षण की सीमा 50% से ज्यादा करने के लिए कानून बनाया जाए

*5* बंगाल में बीच सड़क महिला को पीटने वाला आरोपी TMC कार्यकर्ता गिरफ्तार, बीजेपी-CPM ने ममता सरकार पर उठाए सवाल

*6* कार्यकारिणी की बैठक के बाद पटना लौटे सीएम नीतीश कुमार, केंद्र सरकार से की स्पेशल स्टेट्स की मांग

*7* उमा भारती ने कहा कि उत्तरप्रदेश के नतीजों का मतलब यह नहीं है कि भगवान राम के प्रति लोगों की भक्ति कम हो गई है, कहा हमें यह अंहकार नहीं रखना चाहिए कि हर राम भक्त बीजेपी को वोट देगा, हमें यह भी नहीं सोचना चाहिए कि जो हमें वोट नहीं देगा वो राम भक्त नहीं है, उत्तरप्रदेश का चुनाव परिणाम कुछ लापरवाही का नतीजा है और कुछ नहीं

*8* मथुरा: गंगाजल परियोजना से बनी पानी की टंकी धराशाई, दो लोगों की मौत…15 से अधिक घायल; सीएम ने तलब की रिपोर्ट

*9* टीम इंडिया को ₹125 करोड़ देगा BCCI, सेक्रेटरी जय शाह का ऐलान, कहा- टीम ने पूरे टूर्नामेंट में जबर्दस्त टैलेंट और समर्पण दिखाया

*10* विराट-रोहित के बाद जडेजा का भी T-20 इंटरनेशनल से संन्यास, 15 साल के करियर में 74 मैच खेले, 515 रन बनाए और 54 विकेट लिए

*11* जून में सामान्य से 11% कम बारिश, गुजरात में भारी बारिश से कई शहरों में जलभराव; लोनावला में बांध के पानी में एक ही परिवार के पांच लोग बहे

➡️लखनऊ -5 केडी सीएम आवास पर मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक, कांवड़ यात्रा-मोहर्रम को लेकर अधिकारियों के साथ मीटिंग, मुख्य सचिव मनोज कुमार,प्रमुख सचिव गृह दीपक कुमार, DGP प्रशांत कुमार,ADG एलओ ऑर्डर अमिताभ यश रहे मौजूद, नगर विकास विभाग और ऊर्जा विभाग के अधिकारी रहे मौजूद, जनपदों के डीएम,कमिश्नर भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े, पर्याप्त व्यवस्थाएं और सुरक्षा प्रबंधन के दिए गए निर्देश, सुरक्षित कावड़ यात्रा संपन्न कराने के सीएम ने दिए निर्देश, मोहर्रम को अच्छे माहौल में शांतिपूर्वक संपन्न करने के निर्देश, वन महोत्सव को वृहद स्तर पर सफल बनाने के दिए निर्देश.

➡️लखनऊ -कांवड़ यात्रा-मोहर्रम को लेकर सीएम योगी ने ली बैठक, अतिसंवेदनशील स्थलों पर चेकिंग बढ़ाने के निर्देश दिए, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर सुरक्षा बढ़ाई जाए-CM, कांवड़ के मद्देनजर मदिंरों में सुरक्षा,सफाई व्यवस्था-CM, मोहर्रम के जुलूस को सकुशल सम्पन्न कराया जाए-CM.

➡️लखनऊ-मथुरा हादसे पर सीएम योगी का एक्शन, पानी की टंकी गिरने पर मुकदमा दर्ज हुआ, हादसे में 2 लोगों की मौत,कई लोग घायल, डीएम मथुरा को घटना की जांच सौंपी गई.

➡️लखनऊ- यूपी सहकारिता विभाग में अफसरों का तबादला , 13 उप आयुक्त,अपर आयुक्त और संयुक्त आयुक्त के तबादले, उपायुक्त आलोक सिंह को GM राज्य भंडारण निगम का चार्ज, सोमी सिंह उपायुक्त सहकारिता वाराणसी मंडल बनाईं गई,. अजीत सिंह उपायुक्त सहकारिता झांसी मंडल बनाए गए, आदित्य कुमार संयुक्त आयुक्त सहकारिता आगरा मंडल, रवींद्र सेंगर संयुक्त आयुक्त सहकारिता कानपुर मंडल बने, उदय भानु सिंह संयुक्त आयुक्त सहकारिता सहारनपुर मंडल,. योगेंद्र पाल सिंह संयुक्त आयुक्त सहकारिता मिर्जापुर मंडल, राजीव यादव अपर आयुक्त की प्रतिनियुक्ति 1 साल बढ़ी, मनोज कुमार कार्यकारी निदेशक यूपी कोऑपरेटिव फेडरेशन.

➡️लखनऊ – मोहर्रम-कांवड़ यात्रा को लेकर CM की बैठक जारी, 5 केडी सीएम आवास पर हो रही महत्वपूर्ण बैठक, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह बैठक में हैं मौजूद, प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी प्रशांत कुमार भी हैं मौजूद,. ADG लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश भी बैठक में मौजूद, नगर विकास विभाग, ऊर्जा विभाग के अधिकारी मौजूद, 22 जुलाई से 2 अगस्त तक प्रदेश में होगी कांवड़ यात्रा.

➡️लखनऊ- सालों पुराने मंदिर पर भूमाफिया कर रहा कब्जा, भूमाफिया के खिलाफ ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, मंदिर की जमीन पर अवैध निर्माण से नाराजगी, मंदिर आने-जाने के लिए नहीं छोड़ रहा रास्ता, दबंग प्रॉपर्टी डीलर तौकीर खान पर कब्जे का आरोप, पारा थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की कर रहे मांग, पारा कोतवाली क्षेत्र के सदरौना गांव का मामला.

➡️लखनऊ- देवेश चतुर्वेदी को APC का अतिरिक्त चार्ज मिला, ACS नियुक्ति देवेश चतुर्वेदी को APC का भी चार्ज, 1989 बैच के IAS अफसर हैं देवेश चतुर्वेदी, पंधारी यादव प्रमुख सचिव विज्ञान प्रोद्योगिकी का प्रभार, वाह्य सहायतित परियोजना विभाग में बने रहेंगे पंधारी.

➡️लखनऊ- देवेश चतुर्वेदी को APC का अतिरिक्त चार्ज मिला, ACS नियुक्ति देवेश चतुर्वेदी को APC का भी चार्ज , 1989 बैच के IAS अफसर हैं देवेश चतुर्वेदी, पंधारी यादव प्रमुख सचिव विज्ञान प्रोद्योगिकी बने.

➡️बरेली- 22 जून को फायरिंग-आगजनी,पथराव का मामला, 2 और आरोपियों के साथ पुलिस की हुई मुठभेड़, मुठभेड़ के बाद 2 आरोपी गिरफ्तार, पुलिस चेकिंग के दौरान की थी पुलिस पर फायरिंग, जवाबी कार्रवाई में दोनों बदमाशों के पैर में लगी गोली, हिस्ट्रीशीटर हुसैन और धनुष मुठभेड़ के बाद अरेस्ट, इज्जतनगर थाने के वैसपुर गुलडिया में हुई मुठभेड़, पुलिस ने अब तक 31 बदमाशों को भेजा जेल.

➡️फतेहपुर- कुएं में किशोर का बोरी में बंधा शव मिला, सिंगरहा कब्रिस्तान के पास कुएं में मिला शव, किशोर के हाथ-पैर बांधकर बोरी में भरकर फेंका, मदरसे में रहकर पढ़ाई करता था मृतक किशोर, पिछले 2 दिनों से लापता बताया जा रहा मृतक, पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा , मलवां थाना क्षेत्र के सौंरा गांव का मामला.

➡️मैनपुरी- भाजपा के बूथ अध्यक्ष ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, अध्यक्ष ने अपने घर के पंखे से लटककर की आत्महत्या, परिजनों को सूचना मिलते ही परिवार में मचा कोहराम, पुलिस ने शव कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा, थाना दन्नाहार क्षेत्र के ग्राम दन्नाहार की घटना.

➡️नोएडा – 1 लाख का इनामी मुन्नीलाल को STF ने किया अरेस्ट, बिहार में दो हत्याओं के मामले में चल रहा था फ़रार, पिछले 3 साल से बिहार और यूपी पुलिस को थी तलाश, NCR में नाम बदल कर रहे था हत्यारोपी मुन्नीलाल राय, नोएडा STF यूनिट ने सेक्टर 58 क्षेत्र से किया अरेस्ट.

➡️हरदोई- अमन हत्याकांड के आरोपियों की पुलिस से मुठभेड़, मुठभेड़ में पुलिस ने 2 आरोपियों को मारी गोली, पीछा कर रही पुलिस पर आरोपियों ने झोंका था फायर, घेराबंदी कर पुलिस ने कहरकोला गांव में पकड़ा, शनिवार रात हुई थी खेमपुर में अमन राजपूत की हत्या.

➡️कुशीनगर- अयोध्या से लौट रही तीर्थ यात्रियों की बस दुर्घटनाग्रस्त, खंभे से टकराने से यात्री बस हुई बुरी तरह क्षतिग्रस्त, एक घायल यात्री की इलाज की दौरान मौत,5 घायल, पुलिस ने घायलों को नजदीकी अस्पताल के लिए भेजा, हाटा कोतवाली के NH 28 हाइवे पर हुआ हादसा.

➡️रायबरेली- अनियंत्रित कार ने स्कूटी सवार को मारी टक्कर, 100 मीटर तक स्कूटी को घसीटता रहा कार सवार, राहगीरों ने गाड़ी रोककर चालक को पकड़ा, नशे में धुत बताया जा रहा कार सवार, स्कूटी में सवार 2 युवतियां गंभीर रूप से घायल, घायलों का जिला अस्पताल में चल रहा इलाज, शहर कोतवाली क्षेत्र के रिफॉर्म क्लब की घटना.

➡️कानपुर – एक दर्जन से ज्यादा दबंगों ने युवक को पीटा, जानलेवा हमले में युवक के सिर में आई गंभीर चोट, मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल, दबंग की करतूत पड़ोस में लगे CCTV कैमरे में कैद, कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र का है मामला.

➡️मुरादाबाद- किशोर की अपहरण के बाद हत्या का मामला, परिचित युवक ने ही दिया था घटना को अंजाम, बालक के साथ कुकर्म के बाद कर डाली थी हत्या, पुलिस ने आरोपी युवक को किया गिरफ्तार, मझोला थाना क्षेत्र से गायब हुआ था किशोर.

➡️जालौन- राजकीय मेडिकल कॉलेज में महिला की मौत के बाद हंगामा, महिला के परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया, मेडिकल प्रशासन ने दबंगई दिखाते हुए गेट किया बंद, सूचना पर पहुंची पुलिस परिजनों को समझाने बुझाने में जुटी, उरई कोतवाली क्षेत्र के राजकीय मेडिकल कॉलेज का मामला.

➡️हाथरस- शमशान घाट में व्यक्ति का शव मिलने से सनसनी, शव के पास बाइक और शराब की बोतल भी मिली, पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा, हाथुरसी माता मंदिर के पास शमशान घाट का मामला.

➡️दिल्ली- 1 जुलाई से देश में लागू होंगे 3 नए आपराधिक कानून , भारतीय न्याय संहिता 1 जुलाई से लागू किया जाएगा, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता भी कल से लागू होगा, भारतीय साक्ष्य अधिनियम भी 1 जुलाई से लागू होगा

➡️दिल्ली- BCCI ने 125 करोड़ के इनाम का ऐलान किया, वर्ल्ड चैंपियन टीम इंडिया को इनाम का एलान, वर्ल्ड कप टी 20 विजेता टीम के लिए इनाम, BCCI सचिव जय शाह ने एक्स पर किया पोस्ट, टीम इंडिया का प्रदर्शन शानदार रहा-जय शाह

*🙏 आप का दिन शुभ और मंगलमय हो सुप्रभात*
*सोमवार, 01 जुलाई 2024 के मुख्य सामाचार*

🔸ब्रिटिश काल के कानूनों का होगा अंत, आज से लागू होगी भारतीय न्याय संहिता

🔸’मन की बात’ में PM मोदी ने की सूर्य कुमार यादव के कैच की तारीफ, विराट कोहली-राहुल द्रविड़ का किया आभार

🔸टीम इंडिया पर हुई पैसों की बारिश, इनाम में मिलेंगे 125 करोड़ रुपये, BCCI सचिव जय शाह ने किया ऐलान

🔸विदेश मंत्री जयशंकर ने कतर के PM से की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा

🔸शिक्षा के बजाय शादीयों में दोगुना खर्च करते हैं भारतीय, 10 लाख करोड़ तक पहुंचा बाजार रिपोर्ट में खुलासा

🔸तालिबान से पाकिस्तान में कश्मीरी आतंकियों की हत्या करा रहा भारत… अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA की पूर्व अधिकारी का बड़ा दावा

🔸France Election: फ्रांस के चुनाव में मैक्रों को झटका, दक्षिणपंथियों की जीत; यूक्रेन के समर्थन पर पड़ सकता है असर

🔸बाइडन राष्ट्रपति पद के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं, सर्वे ने बढ़ाई डेमोक्रेट्स की टेंशन

🔸महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी एकजुट होकर लड़ेगा, साथ देने वाले छोटे दलों को भी देंगे सीट: शरद पवार

🔸लोनावला में परिवार के 5 लोग डैम में बहे, तीन के शव बरामद; 2 लापता

🔸सड़क पर पीटी गई महिला को TMC MLA ने ‘दुष्ट जानवर’ बताया, आरोपी अरेस्ट

🔸मन की बात : पीएम मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के प्रति उत्साह की तारीफ की

🔸मथुरा हादसे का सीएम योगी ने लिया संज्ञान, मृतकों के परिजनों को दो लाख की आर्थिक मदद का निर्देश

🔸संसद में आज क्या होगा? राहुल गांधी का नीट, अग्निवीर, मणिपुर, रोजगार और जीएसटी पर इशारा

🔸पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के जीवन पर लिखी तीन पुस्तकों का पीएम मोदी ने किया विमोचन

🔸के. कविता की जमानत पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में फैसला:शराब नीति मामले में BRS नेता 15 मार्च को गिरफ्तार हुई थीं

🔸अमरनाथ यात्रियों को ले जा रही कार का एक्सीडेंट:2 की हालत गंभीर; पहले दिन 14 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए

🔹 *रोहित-कोहली के नक्शेकदम पर रवींद्र जडेजा, टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन् लोकसभा स्पीकर का पद अहम क्यों हैं?

भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में सिर्फ़ तीन बार ही ऐसा हुआ है, जब स्पीकर के पद के लिए मतदान हुए हों, वरना इस पद पर हमेशा ही पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति बन जाया करती है. इससे पहले 1952, 1967 और 1976 में स्पीकर के पद के लिए मतदान किए गए.

लोकसभा स्पीकर का पद अहम क्यों हैं?

सदन में बहुमत साबित करने या दलबदल विरोधी क़ानून लागू होने की स्थिति में स्पीकर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है. सदन में विवाद होने पर अध्यक्ष का फ़ैसला अंतिम होता है.

लोकसभा के प्रमुख के रूप में, स्पीकर सदन का प्रमुख और मुख्य प्रवक्ता होता है. स्पीकर को सदन में व्यवस्था और मर्यादा बनाए रखना होता है और वह सदन की कार्यवाही स्थगित या निलंबित कर सकता है.

स्पीकर को भारत के संविधान के संसद से जुड़े प्रावधानों, लोकसभा की प्रक्रिया और संचालन करने के नियमों की अंतिम व्याख्या करने वाला माना जाता है. यानी सदन के संदर्भ में उसकी जो भी व्याख्या होगी वही मान्य होगी.

स्पीकर किसी सदस्य की अयोग्यता, संविधान के दसवीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत दलबदल के आधार किसी सांसद की सदस्यता ख़त्म करने की शक्ति अध्यक्ष के पास होती है. हालाँकि, 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया था कि स्पीकर का फ़ैसला न्यायिक समीक्षा के अधीन होता है.

18वीं लोकसभा की शुरुआत देखकर ये तो लग रहा है कि इस सत्र में बहस और ज़्यादा दिखेगी, असहमतियां दिखेंगी और सभी पार्टियों को एक आम सहमति पर लाने की कोशिशें भी दिखेंगी, यानी वो होता दिखेगा जो बीते दो लोकसभा में नहीं दिखा या बहुत कम दिखा. ऐसा इसलिए है कि बीजेपी अपने दम पर सरकार नहीं बना पाई है.
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस
* भारत में प्रत्येक साल 01 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है
* इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य डॅाक्टरों को उनके अमूल्य योगदान के लिए सम्मान देना है
* डॅाक्टर समाज में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
* इस समय कोरोना महामारी से बचाव में डॅाक्टर अपनी जान की परवाह किए बगैर देश सेवा में लगे हुए है
* समाज में डॅाक्टर को भगवान के समान दर्जा दिया जाता है
* डॅाक्टरों को सम्मान देने के लिए हर साल चिकित्सक दिवस मनाया जाता है
* भारत में भी डॅाकटरों को सम्मान देने के लिए हर साल राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है
* डॉक्टर हमारे जिंदगी में बहुत ही खास रोल अदा करते हैं
* भारत में 01 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है
* भारत में साल 1991 से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी तब से प्रत्येक साल 01 जुलाई को भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है
* राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस डॅाक्टरों को सम्मान देने का दिन है
* यह एक दिन डॅाक्टरों को समर्पित होता है
* इस दिन हम डॅाक्टरों को सम्मान करने उनकी सराहना करते हैं
* डॅाक्टर भगवान के समान ही हैं क्योंकि एक डॅाक्टर मरीज की हर संभव मदद करने का प्रयास करता है
* राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के दिन का बहुत अधिक महत्व होता है
* डॅाक्टर हमें कई तरहों की बीमारियों से बचाने का काम करते हैं
* हमें ये दिन याद दिलाता रहता है कि हमारे जीवन में डॅाक्टरों की कितनी बड़ी भूमिका रहती है
* केंद्र सरकार ने साल 1991 में इस दिवस को मनाने की शुरुआत की थी, जिसके बाद से हर साल इस दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता रहा, लेकिन इस साल कोरोना महामारी के चलते नेशनल डॉक्टर्स डे थीम की घोषणा नहीं की जा सकी
* भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में डॅाक्टरों का बहुत बड़ा योगदान रहा है यदि डॅाक्टरों का योगदान नहीं रहता तो हमारी स्वास्थ्य सुविधाएं आज इतनी बेहतर नहीं होती
* कोरोना के इस समय में हमारे देश की स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी नहीं होती तो देश के हालात और भी बुरे हो सकते थे
* इस दिन राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने का कारण यह है कि इस दिन भारत के महान डॅाक्टर विधानचंद्र राय का जन्म हुआ था
* 01 जुलाई 1882 को बिहार के पटना के खजांची में जन्मे डॅा विधानचंद्र राय पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी रहे
* डॅा विधानचंद्र राय भारत के मशहूर डॅाक्टर थे जिनकी याद में हर साल 01 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है
* विधानचंद्र राय ने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद 1911 में अपने चिकित्सकीय करियर
संविधान बचाओ बनाम आपातकाल की बहस से कांग्रेस और बीजेपी क्या हासिल करना चाहते हैं?

आम चुनावों के बाद भारत में 18वीं लोकसभा गठित हो गई. नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले दूसरे नेता हो गए.

बीजेपी को भले ही अपने बलबूते पूरा बहुमत नहीं मिला लेकिन सहयोगी दलों के साथ एनडीए गठबंधन को बहुमत से 21 सीटें ज्यादा मिलीं और मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार बन गई.तमाम आशंकाओं को दरकिनार करते हुए सरकार ने बीजेपी सांसद ओम बिरला को दूसरी बार भी स्पीकर बनवा लिया.इसके साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष ने भावी राजनीति की नई इबारत भी लिख दी है जो भारतीय संविधान को लेकर आरोपों प्रत्यारोपों की लड़ाई बन कर सामने आ रही है.

लोकसभा चुनावों में विपक्षी इंडिया गठबंधन और खासकर कांग्रेस ने बीजेपी के 400 पार के नारे को संविधान बदलने के खतरे से जोड़कर संविधान की हिफाजत करने को जबर्दस्त चुनावी मुद्दा बनाया.

चुनावों में बीजेपी को 63 सीटें गंवानी पड़ीं. चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूरी बीजेपी राहुल गांधी और कांग्रेस के इस हमले का कारगर जवाब नहीं दे सकी.

नई लोकसभा में सांसदों के शपथग्रहण के दौरान कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के ज़्यादातर सांसदों ने संविधान की छोटी प्रति हाथ में लेकर जय संविधान का नारा लगाकर यह साफ़ कर दिया संविधान का मुद्दा सिर्फ चुनावों तक नहीं था, ये आगे भी रहेगा.

विपक्ष के इन तेवरों ने बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी.

लोकसभा चुनावों के बाद होने वाले महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, जम्मू कश्मीर दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनावों में भी अगर संविधान का मुद्दा चल गया और दलितों आदिवासियों, अति पिछड़ों ने इंडिया गठबंधन की तरफ रुख कर दिया तो बीजेपी को इन सभी राज्यों में जबर्दस्त नुकसान हो सकता है.

विपक्ष के संविधान मुद्दे की काट के लिए बीजेपी ने आपातकाल के उन दिनों की यादें आगे कर दी हैं, जब 19 महीनों के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने देश में लोकतंत्र पर ताला लगा दिया था और राजनीतिक बंदियों से देश की जेलें भर गईं थीं.

आपातकाल का मुद्दा इस सत्र में तब उठा, जब स्पीकर ओम बिरला ने सदन में आपातकाल की निंदा को तोडा

सदन में लाए निंदा प्रस्ताव को बिरला ने पढ़ा और प्रस्ताव के जरिए कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए आपातकाल की ज्यादतियों और जुल्मों का जिक्र विस्तार से किया.अगले दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी आपातकाल की याद दिलाते हुए उसकी निंदा की गई. राष्ट्रपति का अभिभाषण भी सरकार का ही होता है.

इस तरह बीजेपी ने कांग्रेस और उसके संविधान बचाओ नारे का जवाब देते हुए यह कहा गया कि संविधान अब नहीं तब खतरे में था जब देश पर आपातकाल थोपा गया था और ऐसा करने वाली कांग्रेस को संविधान बचाने का नारा लगाने का कोई अधिकार नहीं है.

बीजेपी के इस तीर ने कांग्रेस को भी परेशान किया क्योंकि इस मुद्दे पर इंडिया गठबंधन के वो घटक दल जिनके नेता और कार्यकर्ता आपातकाल के शिकार हुए थे, कांग्रेस के साथ नहीं खड़े हो सकते हैं.

इसकी एक झलक सदन में तब देखने को मिली जब ओम बिरला के प्रस्ताव के विरोध में कांग्रेस सांसद लगातार नारेबाजी करते रहे लेकिन समाजवादी पार्टी, डीएमके और राजद जैसी पार्टियों के सदस्य चुप रहे.

सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जब शपथ लेने के बाद जय संविधान का नारा लगाया तो स्पीकर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि संविधान की शपथ तो आप ले ही रहे हैं.

इस पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आपत्ति जताई तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि चलो बैठो.

बिरला के इन तेवरों ने विपक्ष को असहज कर दिया.

राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी आपातकाल का जिक्र आने पर भी कांग्रेस ने ऐतराज जताया और कांग्रेस संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अपना विरोध प्रकट किया.

नेता विपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ शिष्टाचार मुलाकात में भी कहा कि आपातकाल पर प्रस्ताव अनावश्यक था क्योंकि इस मुद्दे पर कई बार बहस हो चुकी है और कांग्रेस अपनी गलती मानते हुए माफी तक मांग चुकी है.

49 साल पहले का आपातकाल

कांग्रेस नेताओं का यह भी कहना है कि 49 साल पुराने मामले को उठाकर बीजेपी सिर्फ अपनी खीज और डर जता रही है.कांग्रेस मोदी सरकार के दस साल पर अनेक आरोप लगाते हुए उन्हें अघोषित आपातकाल की संज्ञा दी है. “जिस जनता ने 1977 में इंदिरा गांधी और कांग्रेस को चुनाव हराकर उन्हें आपातकाल की सजा दी थी, उसी जनता ने महज ढाई साल बाद इंदिरा गांधी को दो क्षेत्रों रायबरेली और मेडक से जिताया. कांग्रेस को 350 से ज्यादा सांसदों का विशाल बहुमत भी दिया था.”

इन सबके बीच समाजवादी पार्टी ने संविधान के मुद्दे को एक नई धार देकर नई बहस शुरू कर दी है.सपा सांसद और दलित नेता आरके चौधरी ने संसद के नए भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से स्थापित सेंगोल को हटाकर वहां संविधान को स्थापित करने की मांग की है.“सेंगोल राजतंत्र और राजशाही के राजदंड का प्रतीक है जिसकी भारत के संवैधानिक लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है. उसकी जगह संविधान को स्थापित किया जाना चाहिए.”जबकि बीजेपी इसे भारतीय संस्कृति और तमिल जनभावना का प्रतीक बताते हुए सेंगोल का बचाव कर रही है.

उधर बीजेपी आपातकाल के मुद्दे को जनता तक ले जाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए देश के हर जिले और चुनाव क्षेत्र में जन सभाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें बताया जाएगा कि कैसे कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान का गला घोंटा था.

बीजेपी की कोशिश है कि दलितों आदिवासियों पिछड़ों अति पिछड़ों के बीच संविधान बदलने का भ्रम जिस तरह कांग्रेस ने फैलाया है, उसकी काट आपातकाल के तीर से ही की जा सकती है क्योंकि कांग्रेस के पास इसका कोई जवाब नहीं है.

कांग्रेस मानती है कि आपातकाल के बाद 1980, 1984, 1991, 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को जनता अपना जनादेश दे चुकी है, इसलिए यह मुद्दा अब नहीं चलेगा.

सत्ता पक्ष और विपक्ष की खींचतान

यह आरोप प्रत्यारोप बताता है कि लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद संवाद और सहयोग की जो संभावना जताई जा रही थी, उसको पहले दिन ही नष्ट कर दिया गया है.माना जा रहा था कि अब बीजेपी के बहुमत से काफी दूर रह जाने और सहयोगी दलों के समर्थन से चलने वाली एनडीए सरकार का रुख अब विपक्ष के प्रति बदलेगा.

उम्मीद ये भी थी कि राहुल गांधी की अगुवाई में पहले से ज्यादा मजबूत विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष का संवाद और सहयोग का दौर शुरू होगा, क्योंकि विपक्ष की उपेक्षा अब संभव नहीं होगी.

लेकिन जिस तरह के तेवर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने दिखाए हैं, उससे यह आशंका मजबूत हो गई है कि 18 वीं लोकसभा में सहयोग और संवाद नहीं बल्कि एक दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ ज्यादा रहने वाली है.

सरकार का साफ संदेश है कि भले ही मीडिया राजनीतिक विश्लेषक उसे पहले की तुलना में कमजोर आंकें लेकिन वह अब भी उतनी ही मजबूत और ताकतवर है जितनी पहले थी. दूसरी तरफ विपक्ष ने यह संदेश सरकार और देश को दिया है कि 10 साल तक जो मनमानी सत्ता पक्ष ने की है, वह अब नहीं चलेगी क्योंकि अब विपक्ष भी मजबूत है.

विपक्ष का कहना है कि भले ही सदन में संख्या बल सरकार के पास ज्यादा है लेकिन मनोबल उसके पास ज्यादा है, क्योंकि सत्ता पक्ष की सीटें कम हुई हैं और विपक्ष के सांसदों की संख्या में अच्छी खासी वृद्धि हुई है.

एक दूसरे को कमजोर साबित करने और खुद को दूसरे से ज्यादा मजबूत दिखाने की यह होड़ आने वाले दिनों में और तेज होगी और संसद में सत्ता पक्ष व प्रति पक्ष का टकराव लगातार बढ़ता हुआ दिखाई देगा.

राहुल गांधी का बढ़ता क़द-

इन नई लोकसभा में राहुल गांधी का नेता प्रतिपक्ष बनकर आना भी बड़ी राजनीतिक घटना है.

पिछले करीब दो सालों में राहुल गांधी ख़ुद में जिस तरह के बदलाव लाए हैं, वो एक आक्रामक विपक्षी नेता के रूप में उभर कर आए हैं.

राहुल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को हर मुद्दे पर निशाने पर ले रहे हैं. लोकसभा चुनाव में जिस तरह राहुल गांधी ने इंडिया गठबंधन के दूसरे नेताओं के साथ अपनी समझदारी बनाई है, उसने भी उन्हें स्वीकार्य बनाया है.

अब वह लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में प्रधानमंत्री मोदी के सामने होंगे. वो कई समितियों में शामिल होंगे.

सीबीआई, सीवीसी, चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं की चयन समितियों के सदस्य के रूप में प्रधानमंत्री के साथ बैठेंगे और महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रमों में उन्हें बतौर नेता विपक्ष आमंत्रित किया जाएगा.

राहुल और मोदी के बीच जिस तरह खट्टे मीठे रिश्ते हैं,
कांग्रेस क्यों चाहती थी लोकसभा उपाध्यक्ष का पद-

क्यों कांग्रेस डिप्टी स्पीकर पद मांग रही है?यह जीत या हार का सवाल नहीं है, बल्कि यह एक परंपरा है कि स्पीकर सत्ता पक्ष से होगा और उपाध्यक्ष विपक्ष से.” अतीत में भी डिप्टी स्पीकर का पद ज्यादातर विपक्ष के सदस्य को ही मिला है.‘17वीं लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद मई 2019 से ख़ाली है.’16वीं लोकसभा में यह पद एआईएडीएमके को मिला था और 17वीं लोकसभा में यह पद पूरे कार्यकाल के लिए ख़ाली रहा. ये भी भारतीय संसद के इतिहास में अप्रत्याशित था.इस बार भी बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए विपक्ष को डिप्टी स्पीकर पद ना देने के अपने फ़ैसले पर अड़ी हुई है.

आज़ाद भारत के इतिहास में 17वीं लोकसभा पहली लोकसभा थी, जब डिप्टी स्पीकर का पद ख़ाली रहा. संविधान का अनुच्छेद 93 कहता है कि डिप्टी स्पीकर का चयन होना ही चाहिए. सदन के दो सदस्यों का चयन स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के रूप में होना संविधान के अनुसार अनिवार्य है.

1969 तक कांग्रेस की सत्ता में भी कांग्रेस ये दोनों पद अपने पास ही रखती थी लेकिन साल 1969 में ये चलन बदल गया. कांग्रेस ने ऑल पार्टी हिल लीडर्स के नेता गिलबर्ट जी स्वेल, जो उस समय शिलॉन्ग से सांसद थे, उन्हें ये पद दिया.

संविधान के अनुच्छेद 95 के अनुसार, डिप्टी स्पीकर, स्पीकर की अनुपस्थिति में उनकी ज़िम्मेदारियों का निर्वहन करता है. अगर डिप्टी स्पीकर का पद ख़ाली रहा तो उस स्थिति में राष्ट्रपति लोकसभा के एक सांसद को ये काम करने के लिए चुनते हैं.

अनुच्छेद 94 के मुताबिक़ अगर स्पीकर अपने पद से इस्तीफ़ा देते हैं तो इसे इस्तीफ़े में उन्हें डिप्टी स्पीकर को संबोधित करना होता है.

1949 में संविधान सभा में इसे लेकर बहस हुई थी. डॉ. भीमराव आंबेडकर का कहना था कि स्पीकर का पद डिप्टी स्पीकर के पद से बड़ा होता है, ऐसे में उन्हें डिप्टी स्पीकर को संबोधित नहीं करना चाहिए बल्कि राष्ट्रपति को संबोधित करना चाहिए.

लेकिन ये तर्क दिया गया कि चूंकि स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चयन सदन के सदस्य करते हैं इसलिए इस पद की जवाबदेही सदस्यों के प्रति है.

चूंकि सदन के हर सदस्य को इस्तीफ़े में संबोधित नहीं किया जा सकता ऐसे में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर को ही संबोधित करना चाहिए क्योंकि वो सदन का ही प्रतिनिधत्व करते हैं.

इसके साथ तय हुआ कि अगर स्पीकर इस्तीफ़ा देते हैं तो डिप्टी स्पीकर को संबोधित करेंगे और अगर डिप्टी स्पीकर के इस्तीफ़े की स्थिति आती है तो वो स्पीकर को संबोधित किया जाएगा.
वे नवनिर्वाचित सांसद जो नहीं ले सके शपथ, जेल में रहते हुए शपथ ली जा सकती है।

संविधान के अनुसार, अगर कोई सांसद 60 दिन तक संसद में उपस्थिति दर्ज नहीं करता है तो उसकी सीट को खाली मान लिया जाएगा.

हालांकि अतीत में यही आधार बनाकर कोर्ट ने जेल में रहते हुए सांसद को शपथ ग्रहण की इजाज़त दी है.

बीते मार्च में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह तिहाड़ जेल में बंद थे. उन्हें राज्यसभा के सांसद के तौर पर शपथ ग्रहण के लिए विशेष ज़मानत दी गई थी.

पिछली लोकसभा में यूपी के घोसी से निर्वाचित हुए बसपा सांसद अतुल कुमार सिंह रेप के आरोप में जेल में बंद थे. उन्हें जनवरी 2020 में कोर्ट से मिली विशेष ज़मानत मिली और उन्होंने संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली.

हालांकि चुनाव आयोग के नतीजे आने के साथ ही सांसदों को सैलरी और अन्य सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाती हैं लेकिन जबतक वो ससंद में पद और गोपनीयता की शपथ नहीं लेते वे कार्यवाही में भाग नहीं सकते.

➡️लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कल 11 बजे मंत्रपरिषद की बैठक लोकभवन में होगी। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे ।

➡️ लखनऊ – उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग ने कई आईएएस अधिकारियों को स्थानांतरित किया ।आई ए एस अधिकारीअनिल कुमार सिंह मुख्य विकास अधिकारी लखीमपुरखीरी को मुख्य विकास अधिकारी महाराजगंज बनाया।
➡️हिमांशु गौतम अपर आयुक्त मेरठ को मुख्य विकास अधिकारी हापुड़ बनाया ।
➡️संतोष कुमार मुख्य विकास अधिकारी
महाराजगंज को वी सी सहारनपुर विकास प्राधिकरण, सहारनपुर बनाया ।
➡️2017 बैच की एकता सिंह को अपर आयुक्त बैंकिंग सोसाइटी को अपर राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान बनाया ।
➡️2012 बैच के आईएएस अधिकारी टी के शीबू को राजस्व परिषद में विशेष सचिव कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा में नियुक्त किया ।

➡️लखनऊ । आई ए एस नितिन बंसल आयुक्त वाणिज्य कर बनाये गये
➡️लखनऊ ।लोक निर्माण विभाग में योगेश पवार और संजीव भारद्वाज को प्रमुख अभियंता बनाया गया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ के संबंध में बैठक कर दिए कड़े निर्देश*बाढ़
के समय राहत और बचाव के लिए बेहतर कोऑर्डिनेशन और क्विक एक्शन जरूरी: मुख्यमंत्री*

*बाढ़ के समय जन-धन की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता, अलर्ट मोड में रहें सभी जिले: मुख्यमंत्री*

*मुख्यमंत्री ने की बाढ़ प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा, कहा जलशक्ति मंत्री व दोनों राज्य मंत्री फील्ड में जाकर करें व्यवस्थाओं का निरीक्षण*

*बाढ़ की दृष्टि से 24 जिले हैं अतिसंवेदनशील, समय से पहले कर लें सारी तैयारी: मुख्यमंत्री*

*बाढ़ राहत शिविरों में मिलेगा ताजा भोजन, राहत सामग्री की गुणवत्ता से समझौता नहीं: मुख्यमंत्री*

*बाढ़ के बीच बढ़ती है बीमारी, राहत शिविरों के लिए गठित करें स्वास्थ्य टीम, पशुओं का भी रखें ध्यान: मुख्यमंत्री*

*जारी करें दैनिक बाढ़ बुलेटिन, केंद्रीय एजेंसियों के साथ बनाए रखे तालमेल: मुख्यमंत्री*

*मुख्यमंत्री का निर्देश, किसानों की फसल खराब हो तो तत्काल हो क्षतिपूर्ति*

➡️मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रबंधन और जन-जीवन की सुरक्षा के दृष्टिगत जारी तैयारियों की समीक्षा की और व्यापक जनहित में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश

● प्रदेश में व्यापक जन-धन हानि के लिए दशकों तक कारक रही बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए विगत 07 वर्षों में किए गए सुनियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील जिलों की संख्या में अभूतपूर्व कमी आई है। विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग कर बाढ़ से खतरे को न्यूनतम करने में सफलता पाई है। बाढ़ से जन-जीवन की सुरक्षा के लिए अंतरविभागीय समन्वय से अच्छा कार्य हुआ है। इस वर्ष भी बेहतर कोऑर्डिनेशन, क्विक एक्शन और बेहतर प्रबन्धन से बाढ़ की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए।

● प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद *अति संवेदनशील* श्रेणी में हैं। इसमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं। जबकि सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज *संवेदनशील* प्रकृति के हैं।

● अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति हेतु पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण कर लिया जाए। इन स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था एवं आवश्यक उपकरणों का भी प्रबन्ध होना चाहिए। माननीय जल शक्ति मंत्री एवं दोनों राज्य मंत्री द्वारा अति संवेदनशील तथा संवेदनशील क्षेत्रों का भ्रमण करें, साथ ही बाढ़ बचाव से जुड़ी परियोजनाओं का निरीक्षण करें।

● मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार इस वर्ष पर्याप्त वर्षा होगी। नेपाल और उत्तराखंड की सीमा से लगे जनपदों में सतर्कता बनाए रखें। आमजन की सुविधा और राहत एवं बचाव कार्य के बेहतर बेहतर प्रबंधन के लिए बाढ़ बुलेटिन और मौसम का पूर्वानुमान नियमित रूप से जारी किया जाना चाहिए।

● भारतीय मौसम विभाग, केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन, गृह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिंचाई एवं जल संसाधन, खाद्य एवं रसद, राजस्व एवं राहत, पशुपालन, कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण के बीच बेहतर तालमेल हो। केंद्रीय एजेंसियों/विभागों से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें। यहां से प्राप्त आंकलन/अनुमान रिपोर्ट समय से फील्ड में तैनात अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाए।

● नदी के किनारे बसे आवासीय इलाकों और खेती की सुरक्षा में नदियों का चैनेलाइजेशन उपयोगी सिद्ध हो रहा है। अम्बेडकर, बलरामपुर, बाराबंकी, सीतापुर और श्रावस्ती में जारी ड्रेनेज एवं चैनेलाइजेशन की परियोजनाओं को समय से पूरा कराएं। जो सिल्ट निकले उसका सदुपयोग किया जाए।

● राज्य स्तर और जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूप 24×7 एक्टिव मोड में रहें। उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो मुख्यालय द्वारा बाढ़ से प्रभावित जनपदों में 113 बेतार केंद्र अधिष्ठापित किए गए हैं। पूरे मॉनसून अवधि में यह केंद्र हर समय एक्टिव रहें।

● बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति पर रेग्युलर मॉनीटरिंग की जाती रहे। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ/पीएसी फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबंधन टीमें 24×7 एक्टिव मोड में रहें। आपदा मित्र स्वयंसेवकों के साथ-साथ होमगार्डों की सेवाएं भी ली जानी चाहिए। किसकी तैनाती कब और कहां होनी है, इस बारे में कार्ययोजना तैयार कर लें। सभी एजेंसियों के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन होना चाहिए।

● नौकाएं, राहत सामग्री आदि के प्रबंध समय से कर लें। बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए। नौका बड़ी हो। छोटी नौका/डोंगी का प्रयोग कतई न हो। नौका सवार सभी लोग लाइफ जैकेट जरूर पहने हुए हों।

● बाढ़ के दौरान और बाद में बीमारियों के प्रसार की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य किट तैयार करके जिलों में पहुंचा दिया जाए। क्लोरीन टैबलेट, ओआरएस आदि की उपलब्धता होनी चाहिए। बुखार आदि की पर्याप्त दवा उपलब्ध हो। सर्प दंश की स्थिति में प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सकीय मदद मिलनी चाहिए।

● बाढ़ के दौरान जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बनेगी, वहां पशुओं की सुरक्षा के भी प्रबंध होने चाहिए। उचित होगा कि बाढ़ के समय पशुओं को अन्यत्र कहीं सुरक्षित स्थान पर रखा जाए। निराश्रित गोआश्रय स्थलों में पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। पशुओं का टीकाकरण समय से कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।

● बाढ़ राहत शिविरों में लोगों को ताजा भोजन दिया जाना चाहिए। अन्य राहत सामग्री की गुणवत्ता से भी कोई समझौता नहीं होना चाहिए। राहत सामग्री का पैकेट मजबूत हो, लोगों को कैरी करने में आसानी हो।

● अतिवृष्टि के कारण जिस भी किसान की फसल खराब हो, बिना विलंब उसकी क्षतिपूर्ति कराई जाए। इसके अलावा, किसानों को मौसम पूर्वानुमान से अवगत कराते हुए खेती-किसानी के लिए अनुकूल परिस्थितियों के बारे में जागरूक करें।

● बरसात के कारण निर्माण परियोजनाओं पर होने वाले असर के दृष्टिगत पहले से आवश्यक प्रबंधन कर लिया जाना चाहिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली के पोल, तार, सड़क आदि समय से ठीक कर लिए जाने चाहिए।

● बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जन-धन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए वर्ष 2024 में बाढ़ से सुरक्षा के लिए समय से तैयारियां की गई हैं। अति संवेदनशील के रूप में चिन्हित 17 जनपदों के 37 तटबंधों का अनुरक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। सभी अतिसंवेदनशील तटबंधों पर प्रभारी अधिकारी/सहायक अभियन्ता नामित किये जा चुके हैं। तटबन्धों पर क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा लगातार निरीक्षण एवं सतत निगरानी भी की जा रही है।

● मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वर्ष 2023 में बाढ़ से प्रभावित अतिसंवेदनशील/संवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर बाढ़ परियोजनाओं के द्वारा बाढ़ बचाव कार्य पूर्ण कर लिये गए हैं। प्रदेश में बाढ़ से निपटने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक 75 जनपदों में सम्पन्न हो गई है। इसके अलावा, बाढ़ से प्रभावित जनपदों में 113 बेतार केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है। बेतार केन्द्र सम्पूर्ण बाढ़ अवधि में सतत् क्रियाशील रहेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *