आध्यात्मिक ज्ञान मे आज आप देखे कि हमारे आधुनिक जीवन मे हर एक दिन का महत्व इस लेख को पूरा पढने के लिए नीचेदीगई लिक पर क्लिक करे-प्रेम रावत

*🕊️ हर एक दिन का महत्व ~ प्रेम रावत*
> जो कुछ भी तुम सवेरे से लेकर शाम तक करते हो, जितने क्षण निकल गये, जितने दिन, जितने घंटे, जितने सेकिण्ड निकल गये, ये वापिस नहीं आएंगे। इसलिए ये ज़रूरी है कि हम हर एक दिन को बचा लें, ताकि ये व्यर्थ न जाए। जैसे गर्मियों में लोग संतरे और मौसमी का रस निकालते हैं तो खूब निचोड़ते हैं, ताकि आखिरी बूँद तक भी निचोड़ लिया जाए। क्या तुम भी इस दिन की हर एक बूँद को निचोड़ सकते हो? हर एक क्षण के अंदर छिपा हुआ जो रस है; इसके अंदर छिपी हुई जो शांति है, इसका एक-एक बूँद निचोड़ना है। यह ज़रूरी है। अपनी ज़िन्दगी के अंदर अगर यह नहीं कर पाए तो फायदा क्या हुआ इस मनुष्य शरीर को पाने का? मनुष्य शरीर मोक्ष का दरवाज़ा है। यह साधन है। लोग कहते हैं कि, “इसका मतलब है, क्या हम सारी घर-गृहस्थी को छोड़ दें?” नहीं! घर-गृहस्थी को छोड़ने की ज़रूरत नहीं है। तुम्हारे जीवन के अंदर जो कुछ भी जिम्मेवारियां हैं, इनको बढ़िया से बढ़िया तरीके से निभाओ। परंतु एक और जो तुम्हारी जिम्मेवारी है; अपने अंदर बैठे भगवान का अनुभव करने की, इस जिम्मेवारी को मत भूल जाओ। यह शरीर मिट्टी है। एक दिन इस मिट्टी को मिट्टी में ही मिल जाना है। परंतु जब तक ये मिट्टी हँसती है, रोती है, बोलती है, नाचती है, सुनती है, ये अपना जीवन सफल कर सकती है। जिस दिन इस मिट्टी ने अपना जीवन सफल कर लिया, यह मिट्टी नहीं रह जायेगी। यह एक ऐसा बर्तन बन जायेगी, जिस बर्तन के अंदर अमृत ही अमृत भरा हुआ है। क्योंकि उसने अपने जीवन में उस चीज़ को पहचान लिया, उस चीज़ को देख लिया, उस चीज़ को सुन लिया। इसलिए मैं लोगों से कहता हूँ कि तुम्हारे जीवन के अंदर शांति होनी चाहिए। ढूँढो! जहाँ तुम ढूँढना चाहते हो, ढूँढो! और अगर कहीं न मिले, तब हमारे पास आओ। हमारे पास है वह साधन, जिसे हम ‘ज्ञान’ कहते हैं।*⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *