एक बार एक गरीब किसान शाम को भूखा ही सो गया क्योंकि घर में एक दाना भी नहीं था।। रात को बरसात शुरू हो गई।। किसान भूखा ही अपने कमरे में सो रहा था।।
रात के करीब 11:00 बजे किसी ने दरवाजा खटखटाया किसान ने दरवाजा खोला तो एक भीगा हुआ हट्टा कट्टा नौजवान सामने खड़ा था।।
उस नौजवान आदमी ने किसान से प्रार्थना की कि रात-रात वह उसे अपने घर पर रख ले क्योंकि बरसात ज्यादा थी।।
किसान ने उस अनजान आदमी को अपने घर के अंदर बुला लिया ।।घर के अंदर आते ही उस नौजवान आदमी ने बोला मुझे बहुत भूख लग रही है मुझे कुछ खाने को मिल सकता है क्या।।
किसान बहुत दुविधा में पड़ गया क्योंकि उस रात को वो खुद भूखा था घर में एक दाना भी नहीं था।।
किसान ने सोचा अगर इसको कुछ खिलाया नहीं तो यह घर आए मेहमान का अपमान होगा।।
किसान ने कहा आप घर पर रुको मैं अभी आता हूं।। किसान घर से बाहर निकल गया बरसात बहुत तेज थी किसान ने अपने घर के पास एक दुकान का ताला तोड़ा और वहां से 1 किलो चावल चुरा लिए।।
घर आकर किसान ने चावल बनाए और उस अनजान व्यक्ति को खिला दिए।।
सुबह दुकान मालिक ने देखा कि किसी ने उसकी दुकान से चावल चुराए हैं।।
दुकान का मालिक राजा के पास गया और सारी कहानी बताई।।
राजा ने गांव के सभी लोगों को अपनी सभा में बुलाया और बोला, सच सच बताओ चोरी किसने की है ।।
गरीब किसान ने भरी सभा में कहा कि राजा जी यह चोरी मेने की है और रात वाली सारी घटना को बताया ।।
किसान ने हाथ जोड़ते हुए कहा कि मेने इस अनाज का उपयोग नहीं किया है मजबूरी में मुझे मेहमान नवाजी करने के लिए यह अपराध करना पड़ा आप चाहे मुझे जो सजा दे वह मंजूर है।।
राजा ने उस गरीब किसान को अपने पास बुलाया और अपने मंत्री से बोला कि इस किसान को 1000 सोने की मोहर दे दो।।
राजा किसान की ईमानदारी देखकर बहुत खुश हुआ क्योंकि रात वाला अनजान व्यक्ति और कोई नहीं वह राजा ही था जो रात को भेष बदलकर प्रजा का हाल जानता था।।
दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में कभी भी अपनी ईमानदारी ना छोड़े।।
कभी ना कभी आपका भला जरूर होगा 🙏🙏