एक पार्क में दो बुजुर्ग बैठे आपस मे बातें कर रहे थे, उनमें से पहला कहता है कि मेरी एक पोती है।
वह शादी के लायक हो गई है, उसने बीए किया है, वह नौकरी भी करती है, उसकी ऊंचाई पांच फीट 2 इंच है।
अगर आपकी नजर में कोई लायक लड़का हो तो मुझे बताना उन्होंने दूसरे बुजुर्ग से कहा।
दूसरे बुजुर्ग ने पहले से पूछा कि आपकी पोती को कैसा परिवार चाहिए, पहले उसके बारे में बताइए।
पहले बुजुर्ग ने कहा कुछ खास नहीं, लड़का ME/M. Tech होना चाहिए।
खुद का घर, कार, घर में एसी, खुद का गार्डन, अच्छी नौकरी करे और काम से काम 1 लाख रुपये तक सैलरी हो।
अब जो दूसरे बुजुर्ग थे वो बोले और आपको इन सबके अलावा भी कुछ चाहिए?
पहला बुजुर्ग बोला – हां भाई, सबसे महत्वपूर्ण बात यह होनी चाहिए कि उस लड़के को माता-पिता और भाई-बहन न हों!
अब जो दूसरा बुजुर्ग था, उनकी आंखों में आंसू भर आए और फिर आंसू पोंछते हुए बोले, मेरे एक दोस्त का पोता है, उसे
भाई-बहन नहीं है, मां-बाप का एक्सीडेंट हो गया, अच्छी नौकरी है, डेढ़ लाख के करीब तनख्वाह है, कार है,
बंगला है। लेकिन…
इतना बोलकर वो बुजुर्ग एकदम से चुप हो गया। पहला बुजुर्ग बोला
लेकिन? लेकिन क्या? मुझे पूरी बात बताओ क्योंकि ये लड़का वैसा ही है जैसा मेरी पोती चाहती है।
लेकिन लड़के का भी यही डिमांड है कि लड़की के मां-बाप, भाई-बहन या कोई रिश्तेदार नहीं हो। फिर बोला अगर तुम्हारे परिवार वाले आत्महत्या करते हैं तो शादी की बात हो सकती है, मैं तुम्हारी पोती की शादी उससे करा दूंगा और वह बहुत खुश होगी।
अब पहले वाला जो बुजुर्ग था वह नाराज हो गया कि यह क्या बकवास है हमारे परिवार को क्यों करना चाहिए सुसाइड?
भविष्य में उसके सुख में उसके दुख में कौन साथ देगा? कौन उसको सही गलत का रास्ता दिखाएगा?
अब दूसरा बुजुर्ग बोला वाह मेरे दोस्त, अपने परिवार की बात आई तो सब साथ चाहिए और लड़का आपको अनाथ जैसा चाहिए!
सिर्फ बड़ा घर जरूरी नहीं है, बड़े घर में बड़ा परिवार भी चाहिए, नहीं तो इंसान सुख-दुख की अहमियत भूल जाएगा, जिंदगी नीरस हो जाएगी।
बुजुर्ग की बातें सुनकर पहले वाला बुजुर्ग बहुत शर्मिंदा होता है। उसे अपनी और अपनी पोती की गलती का पछतावा होता है और वो अब अपनी पोती को भी ये बातें समझाने का फैसला करता है और साथ ही अपने दोस्त को उसकी आंखें खोलने के लिए धन्यवाद देता है।
दोस्तों एक बात का हमेशा ध्यान रखें, परिवार है तो जीवन में हर सुख कई गुना लगने लगता है और दुख न के बराबर। परिवार नहीं तो किससे अपना सुख-दुख बांटेंगे? इसलिए जीवन में सबसे पहले और सबसे ज्यादा अपने परिवार को अहमियत दें।