आध्यात्मिक ज्ञान मे आज आप देखे गुस्सा इस लेख को पूरा पढने के लिए नीचेदीगई लिक पर क्लिक करें-डा० -दिनेश कुमार शर्मा चीफ एडीटर एम.बी.न्यूज-24💐💐💐💐

*💐आज की कहानी💐*आध्यात्मिक ज्ञान मे आज आप देखे एक कहानी-डा०-दिनेश कुमार शर्मा चीफ एडीटर एम.बी.न्यूज-24💐💐💐💐💐💐💐💐💐
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*. 💐गुस्सा💐*
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किसी गाँव में एक कुम्हार और उसकी पत्नी रहते थे। कुम्हार अपना घर चलाने के लिए मिट्टी के बर्तन बनाता और बेचता था। जिससे उसके परिवार का जीवन यापन होता था। कुम्हार बहुत ही नेक, शांत और सहनशील इंसान था। जबकि, कुम्हार की पत्नी बहुत गुस्सैल थी। उसे हर किसी बात में गुस्सा आ जाता था। वह समझ नहीं पाती थी की उसे इतना गुस्सा क्यों आता हैं। बाद में उसे महसूस होता था कि उसने अपना कितना नुकसान कर लिया हैं। कितने लोगों से अपने रिश्ते खराब कर लिए हैं।

उसकी इस आदत को कुम्हार बहुत अच्छे से जनता था। एक बार कुम्हार घड़ा बना रहा था, तभी कुम्हार की पत्नी,अपने पति से बोली,”देखो मुझे हर बात-बात में गुस्सा आ जाता हैं”। जिसे आप समझ जाते हो, लेकिन कोई और नहीं समझ सकता कि यह मेरी बीमारी हैं। यही वजह हैं कि आज मेरी पड़ोस की औरत से झगड़ा हो गया। आप ही कुछ करो। मेरे इस गुस्से का इलाज कराओ।

अगली सुबह कुम्हार अपनी पत्नी को एक बहुत ही प्रसिद्ध वैध के पास लेकर गया। वैध ने कुम्हार की पत्नी की बातें बहुत ध्यान से सुनी। उसकी बातों को सुनकर वैद कुछ देर शांत होकर बैठ गया और सोचने लगा। तभी कुम्हार की पत्नी ने वैध से पूँछा ।ि,”क्या यह मेरी बीमारी ठीक नहीं हो सकती”? आप कुछ बोल क्यों नहीं रहे हो। वैद ने बोला ठीक इसी प्रकार की बीमारी मुझे भी थी। जिसकी दवा मैं कही से लाया था।

इसलिये मैं उसी दवा के बारें में सोच रहा था कि वह दवा कहां रखी हैं। फिर वैध उठकर अपने घर में जाता हैं और कुछ समय बाद दवा की पुड़िया के साथ घर से बाहर निकलता हैं। कुम्हार की पत्नी को दवा देते हुए बोलता हैं कि यह कुछ दवाएं हैं। जिसे आपको जब भी गुस्सा आए इस दवा को मुँह में रखकर चूसना हैं, ध्यान रहे इसे चबाना नहीं हैं, सिर्फ चूसते रहना हैं।

एक सप्ताह बाद कुम्हार और उसकी पत्नी फिर से उसी वैध के पास आए। कुम्हार की पत्नी वैधके चरणों में पड़ गई। वैध ने पूछा,”क्या हुआ आप ऐसा क्यों कर रही हो, मुझे विस्तार से बताओ”। कुम्हार की पत्नी ने बोला आप की दावा ने तो कमाल कर दिया जिसकी वजह से हमारे कई सारे रिश्ते टूटते-टूटते बच गए। आज मैं अपने पति के साथ झगड़ रही थी तभी मेरी सासू माँ आ गई। जैसे ही मैंने उनको देखा आपकी दावा खा ली और मैं बिल्कुल शांत हो गई।
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इस प्रकार से मेरे रिश्ते बिगड़ते-बिगड़ते बच गए। ठीक यही घटना मेरे पड़ोसी के साथ हुई, मुझे गुस्सा आ ही रहा था कि मैंने वह दवा खाई और मेरी लड़ाई होते-होते रह गई। अब जब भी मुझे गुस्सा आता हैं या कोई मुझ पर गुस्सा करता हैं तो मैं यह गोलियां खा लेती हूँ, जिसका मुझे बहुत लाभ मिल रहा हैँ। वैद ने हँसते हुए कुम्हार की पत्नी से कहा, यह दवा नहीं हैं, यह तो सिर्फ मीठी गोलियां हैं।

आपके रिश्ते ठीक हो रहे हैं जिसका कारण ये मीठी गोलियां नहीं हैं। *समाधान आपका शांत रहना हैं, आपकों जब भी गुस्सा आता हैं उस समय आप शांत हो जाए, गुस्से में कोई निर्णय न लें, अपने आपको शांत होकर सोचने दें कि क्या सही हैं और क्या गलत हैं।*

*नैतिक सीख: गुस्से में अपने आप को शांत रखे, गुस्से में लिया गया निर्णय हमेशा नुकसान पहुंचाता हैं।*

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*राम रक्षा स्तोत्र मंत्र*

*राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे । सहस्त्रनाम ततुल्यं रामनाम वरानने ।।
*सदैव प्रसन्न रहिये!!*
*जो प्राप्त है-पर्याप्त है!!*

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